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Monday, December 21, 2015

जब तुम मेरे पास होते हो...

तन्हाई से जाना है मैंने,
तुम्हारे होने का मतलब क्या है...
खुद में पूरी तो थी मैं पहले भी,
पर मेरे अस्तित्व में ये आयाम नहीं था...

तुम होते हो जब पास मेरे तो दिल में एक सुकून होता है,
कुछ सोचना नहीं, न समझना होता है,
बस जीना होता है 'हमारे' वक़्त को
मैं सही मायनों में ज़िंदा होती हूँ, जब तुम होते हो...

तुम होते हो जब पास मेरे, तो धूप और छाव सब सुहानी लगती है,
हाथ थाम चल दूँ तुम्हारा दूर कहीं, ये चाहत होती है
हर दिन मोहब्बत नया रंग ओढ़ लेती है,
और गहरी होती चलती है,
जब तुम होते हो...

बेफिक्र मैं, बिन नक़ाब, खुद को तुम्हारी आँखों में देख पाती हूँ,
और जान भी जाती हूँ प्यार तुम्हारा,
तुम मुझे मुझ जैसा ही चाहते हो,
कैसे कहूँ तुम मेरे लिए क्या हो?
बस समझ जाना खुद ही,
जैसे समझ जाते हो, मेरे दिल की हर एक बात, हर  बार,
जब तुम मेरे पास होते हो...

Sunday, March 22, 2015

Silence is Comfortable...

I don’t know why our paths crossed,
If there’s a reason or it happened because it had to, just like that.
I don’t know the reason why we are together in this frame of time…
Time, as they say, is an illusion, and this might also be…
I don’t know what holds us back and what takes us forward in the journey,
That may be a part of the discovery.

There are several things unknown,
But this one is certain for sure…
With you, time flies as if moments have captured ages,
And the ‘unknown’ only fears to bother…
There’s a certain melody in the heart, when we are together…
And silence is comfortable…

Tuesday, July 31, 2012

जहाँ आत्मा संवाद करती हो

एक दुआ भेजती हूँ आज तुम्हें,
इस पैगाम  के साथ,
कि रहे तुम्हारे साथ हमेशा,
एक साया प्यार का,
रहे ढाल बनकर ये छाया,
तुम्हें बचा ले हर एक धूप से,
कोई तकलीफ तुम्हें छू भी न पाए,
और हर दर्द तुम्हारा अब इसे मिल जाए |

माँगा है कुछ और भी ऐसा तुम्हारे लिए,
ज़रूरी है जिसका होना साथ,
तुमने तो शायद कभी चाहा नहीं,
या फिर चाह कर भी पाया नहीं,
माँगा है आज, कुछ पल का सुकून, तुम्हारे लिए,
और कुछ लम्हे तन्हाई के,
जिसमें तुम बस अपने साथ रहो,
और सोच सको, पहचान सको खुद को,
देख सको अपनी वो तस्वीर,
जिससे बस दूर जाना चाहा तुमने हमेशा,
यूँ खुद से दूर रहकर कैसे खुश रह पाओगे,
कैसे पा सकोगे वो सारी ख़ुशी जो बस तुम्हारे लिए हैं |
कब तक खुद को यूँ तकलीफ में रखोगे,
और कैसे चुपचाप देखूँ मैं तुम्हें इस तरह,

काश कि बस इतना हक़ दिया होता तुमने,
कि तुम्हारी तकलीफ बाँट सकूँ,
कि कुछ पल रो सकूँ तुम्हारे हिस्से के आँसू,
जिन्हें तुमने तो अपने दिल में दफ़्न कर दिया,
कभी न ज़िंदा होने के लिए,

काश कि बस इतना हक़ दिया होता,
कि एक-एक कर जुदा कर दूँ तुमसे,
तुम्हारा हर एक दर्द,
तुम्हारा हर एक डर,
और भीड़ में घिरा तुम्हारा अकेलापन,

काश कि आकर बस एक बार तुमने कहा होता,
कि हक़ दिया है तुमने मुझे,
सिर्फ कुछ पल तुम्हारे दिल में जा बसूँ,
वहाँ बस फिर ख्वाहिशें रहतीं,
वहाँ से बस फिर खुशियाँ बहतीं,
होता गर कोई आँसू भी,
तो कहता भी वो बस इन्हीं की दास्तान,
वहाँ बस फिर ख़्वाबों की परियाँ रहतीं,
और होती एक दुनिया जन्नत सी तुम्हारे लिए,
तुम्हारे ही दिल में,

काश कि बस एक बार तुमने,
हक़ से आकर मुझसे कह दिया होता,
वो सब कुछ जो तुम्हारे दिल में है,
मैं तो अब भी इंतज़ार में हूँ,
काश कि तुम अब कह दो मुझसे सच,
वक़्त गुज़रने से पहले |

काश कि तुम समझ जाओ,
मैं बस इतना ही चाहती हूँ,
कि तुम जियो तुम बनकर,
तुम्हीं से छुपकर तुम यूँ परेशानियों से न घिर जाओ !

तुम नहीं हो अकेले,
अपने मन के उस कोने में भी नहीं,
जिसे तुमने छुपा कर रखा है खुद से भी,
वहाँ तो मैंने तुम्हारी असल रोशनी देखी है,
वहाँ उस मन में हम दोनों एक दूसरे की परछाई ही हैं |
अंतर्मन के उस धरातल पर,
हमारे अस्तित्व बिलकुल एक जैसे हैं !
फिर कैसे नहीं समझ पाऊँगी मैं तुम्हें ?
क्यूँ नहीं जान पाऊँगी दर्द तुम्हारा !

बस हक़ दे दो मुझे इतना,
कि कह सकूँ तुमसे "मैं समझती हूँ तुम्हें"
बस कि रह सकूँ साथ तुम्हारे,
उस अकेलेपन में,
जिसे आज मैंने तुम्हारे लिए माँगा है |
रहें हम वहाँ निःशब्द |
और हमारी आत्मा संवाद करती हो |

Monday, June 4, 2012

चाँद ने जोड़ा है तुम्हें और हमें

चाँद ने जोड़ा है तुम्हें और हमें यूँ,
इस चाँदनी में भीगे हो तुम भी कभी और हम भी कभी,

वक़्त तो था बस एक धोखा,
पल वो तुम्हारा एक था,
पल वो हमारा एक था,
साथ ही थे हम उस पल में,
तुम थे कहीं, हम थे कहीं,

दूरियाँ तो बस थीं एक वहम,
दिल से जुड़े थे, तुम भी वहीं , हम भी वहीं | 

Saturday, January 14, 2012

With You By My Side




In this haze, this mist of life,

Wherever I look,

the path ahead is uncertain.



Having absolutely no idea of where to move next,

I take a step forward,

removing all the pebbles in my way,

Crushing all those dead leaves

(those lifeless chapters of my life),

With this one hope and all eternal faith in my heart,

Of seeing you when the fog disappears,

Making everything else visible,

Wishing to feel the liveliness (with you)

in that fresh air of a pure, immortal love…



With you by my side,

nothing that I have ever dreamt of, seems impossible.



All those wonderful little elves of a heavenly dwelling that reside in these eyes,

Turning each beautiful thought,

into a mystique creation of reality,

Make this place so divine, so blissful…

With you by my side,

I know I have won profound intangible happiness,

With you by my side,

I have received an ineffable joy,

An infinitude of love.


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